adhya sharma  
89 Followers · 36 Following

A Law Student fell in love with the rhythmic melodies of life. ❤️
Joined 10 January 2018


A Law Student fell in love with the rhythmic melodies of life. ❤️
Joined 10 January 2018
7 JUN 2021 AT 23:18

गुजारिश मीलों चलने की, ना चलने का फिर कोई बहाना। हर रात फिर वहीं अफसाना।

हर रात वहीं अफसाना, कि चाहत हो कुछ पाने की
खोई चीज़ों में गुम हो जाना।
हर रात फिर वही अफसाना।

ख्वाबो में जीते शेरो का
असलियत को फिर फुसलाना।
हर रात फिर वही अफसाना।

हर रात फिर वही अफसाना, की बीती हुई रात से
नई सुबह की उम्मीद लगाना।
हर रात फिर वही अफसाना।

-


8 OCT 2020 AT 10:15

जो सुकून है, ज़िन्दगी की कश्मकश से।
इबादत का एक पल, खूबसूरत है हर पहर में।
आशा है निराशा की, बेशुमार उसकी चाहत है।
रहमत बरसे खुदा की जिसमे, बस उस पल ही राहत है।
इबादत का वो पल, खुदा की ही इनायत है।

-


16 JUN 2020 AT 1:31

उम्मीद

-


3 APR 2020 AT 23:34

कि हर उस इबादत में तेरा ही नाम निकले
तू जहा हो, वो जहां मिले।
तेरी ही गोद में सर रख
हर दुख , हर दर्द मिटे
तेरी ममता की छांव में
तेरी आंचल सा सुकून ,
तेरी वो प्यारी मुस्कुराहट मिले
बस ये दुआ है मेरी,
जितने भी जन्म हो मेरे,
चाहे कुछ मिले ना मिले
पर सिर्फ तू ही मां मिले।

-


8 MAR 2020 AT 10:26

नारी तुम शसक्त रहो,
नारी तुम महान।
नारी से ही नर है,
नवजीवन में है प्राण।
नारी के रूप अनेक,
सरस्वती में बसता ज्ञान,
काली ने दी शक्ति,
दुर्गा से उत्थान।
नारी में बल है, नारी में है रूप..
नारी वो जो साहस से झेले जीवन की छाव धूप।
नारी तुम बढ़ती चलो, पाओं हर मुकाम
ना रुके बढ़ते कदम कभी, ऊंचा हो हर अभिकाम।
नारी हो अभिलाषी, नारी हो पर्याप्त।
नारी अपने अस्तित्व पर सदा रखो अभिमान।
नारी तुम शसक्त रहो,
नारी तुम महान।
नारी से ही नर है,
नवजीवन में है प्राण।
©adhya_sharma

-


5 APR 2019 AT 0:49

हसरत थी तेरी खोज खबर,
सब-ख़ैरियत जानने की,
तो चिठ्ठियों से ही तेरा पता ढूंढ लिया करते थे|
अब तुझे संदेसा भेजूं भी तो कैसे,
बेईमान डाकियो ने तो इनका पता ही बदल डाला|

-


3 MAR 2019 AT 0:06

भीगी उतनी पलके भी थीं जितनी भीगीं राते ,
फर्क बस इतना था कि, बारिश को सूरज का सहारा था,
लेकिन आंसुओं का कोई किनारा नहीं ।

-


2 MAR 2019 AT 21:35

तो फिर बढ़े आगे?

कुछ उलझे हुए लेहजो को
संजोने की बारी आई है,
कुछ बिखरे पन्नो सी,
समेटने की बारी आई है,
कुछ कही, कुछ अनकही,
कुछ बीती , कुछ छुपी,
कुछ ठेहरी, कुछ बेहती हुई यॉदो से
बढ़ने की बारी आई है,
चलो अब इनसे ही शुरुआत है
बिखरे इन अल्फाजों को ही समेटे
चलो अब इनसे आगे बढ़,
पुरानी दफनाने की बारी आई है।

-


24 JAN 2019 AT 19:19

गहराइयॉ कुछ बातो मे होती हैं,
और कुछ एहसासों में|
लफ्ज़ो मे माहिरी का इल्म तो हर किसी को है..गर तुम इनमे छिपे एहसासो को परख़ लो तो बात ही कुछ और है|

-


15 DEC 2018 AT 11:45

चाय की भी अलग ही कहानी है,
लाखो की दवा.. हजारों चुस्कियों की रवानी है।
कड़कती सर्द में मीठी धूप सी,
तो बेहाल उस सर्दी में अदरक के कड़कपन से मिल जानी है।
थक हार कर ज़िंदगी की जंग से,
अब घर लौटने की ठानी है..तो उस चाय कि अब थकान मिटाने की भी जिम्मेदारी है।
भागते दौड़ते हर उस किस्से कि,
हर शाम बिस्कुट भिगोकर सुनने सुनाने की परम्परा पुरानी है।
चाय की उस प्याली में हर एक बूंद की
चुस्की रूहानी है, हर ग़म मिट जाए
ऐसी ही तो इसकी महिमा बखान पुरानी है।

-


Fetching adhya sharma Quotes