नारी तुम शसक्त रहो,
नारी तुम महान।
नारी से ही नर है,
नवजीवन में है प्राण।
नारी के रूप अनेक,
सरस्वती में बसता ज्ञान,
काली ने दी शक्ति,
दुर्गा से उत्थान।
नारी में बल है, नारी में है रूप..
नारी वो जो साहस से झेले जीवन की छाव धूप।
नारी तुम बढ़ती चलो, पाओं हर मुकाम
ना रुके बढ़ते कदम कभी, ऊंचा हो हर अभिकाम।
नारी हो अभिलाषी, नारी हो पर्याप्त।
नारी अपने अस्तित्व पर सदा रखो अभिमान।
नारी तुम शसक्त रहो,
नारी तुम महान।
नारी से ही नर है,
नवजीवन में है प्राण।
©adhya_sharma
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