खुल्ले सिक्को जैसी कही भी मिल जाती हैं तुम्हारी यादे ने मुझे ही नही, मेरे घर को भी भर रखा हैं lकिताब के बिच कुछ पुराने गोंद से चिपके खत मिले आज ,काश ऐसा कोई गोंद हमारे रिश्ते मैं भी होता जुस्तजू - Abhysheq S
खुल्ले सिक्को जैसी कही भी मिल जाती हैं तुम्हारी यादे ने मुझे ही नही, मेरे घर को भी भर रखा हैं lकिताब के बिच कुछ पुराने गोंद से चिपके खत मिले आज ,काश ऐसा कोई गोंद हमारे रिश्ते मैं भी होता जुस्तजू
- Abhysheq S