19 APR 2018 AT 19:49

खुल्ले सिक्को जैसी कही भी मिल जाती हैं
तुम्हारी यादे ने मुझे ही नही, मेरे घर को भी भर रखा हैं l

किताब के बिच कुछ पुराने गोंद से चिपके खत मिले आज ,
काश ऐसा कोई गोंद हमारे रिश्ते मैं भी होता

जुस्तजू

- Abhysheq S