खुश हु इस बात से की आज नहीं तो कल अच्छा होगा।
कल जीने के लिए आज मर रहा हु शायद वो पल अच्छा होगा।
खुशियां आसानी से मिलती नहीं शायद ये बात सच्चा होगा।
गम के नखरे है बेसक आज।
पर इस बात की आस में खुश हु की कल अच्छा होगा।
कौन कितने है अपने अब ये बात पक्का होगा।
भरोसा खुद से है , और खुदा से..
ये वक़्त नहीं,वो वक़्त अपना होगा।
रोऊँगा, हसूंगा कभी- कभी टूट भी जाऊंगा।
लेकिन खुद से न हारने का मनोबल भी अटल होगा ।
एक दिन मंज़िलो को चूमने का हौसला भी अपना सच्चा होगा।
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