तोहफा गुलाब का
मेरे हुजूर कबूल कीजिए
मिल नहीं सकते आप से
इस ज़माने में जरा मेरी
मजबूरियों का तो ख्याल कीजिए
आप तो मेरे खुदा है
मेरे ख्वाबों में आकर
मुझे तो आबाद कीजिए-
जो बिता है मुझ पर वही बात बताता हूं
जन्म दिन 13 अगस्त
तुम वो रौशनी
जिस से जीवन रौशन
तुम्हारे बिना कैसे कटे
यह रात और दिन
मेरी बैचैनी मिटती नहीं
तुम्हारे बिना आती नहीं चैन-
एक मौसम प्यार का
बैचैन दिल को आया करार
नागफनियों के के बिच खिल उठा गुलाब-
कलम से लिखी गई
नही थी कोई कहानी
होठों से बोली गई
नही थी कोई जुबानी
शिवाजी महराज ने
लिखी तलवार से मुग़लो
पर जीत की कहानी
जय भवानी जय भवानी
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चांद तक का रास्ता
जरूर तुम्हारे गलियों से होकर गुजरता होगा
जब तुम नहीं होते होंगे
अपने कमरे में तभी चांद आसमां में चमकता होगा
यूं तो पूरा जग चाहता है तुम्हें
लेकिन अकेले में तुम्हारा दिल भी
किसी के लिए मचलता होगा
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माना कि बहुत कुछ नहीं था
लेकिन जो कुछ भी था
कुछ कम नहीं था
तेरे जाने से पहले
बस गम नहीं था
तेरे आने और जाने का बाद
बहुत कुछ नहीं बदला है
बस आंखों की नींद
दिल का चैन खोया है
ज्यादा कुछ कहा बदला है
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हमें तुमसे प्यार है
बस यही सही है
बाकी हमें कुछ पता नहीं
क्या ग़लत क्या सही
अगर इतना सोचते तो
तुम्हें लगता है हम तुमसे प्यार करतें
तुम्ही हर बार रुठते
और बस हम मनाते
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बारिशों में तेरी याद बहुत आती है
तन भींगता है मन जलता है
काले काले बादल छाते हैं
तेरी जुल्फों में खो जाता है
सुकुन मन का
अंदर ही अंदर कुछ पिघलता है
तेरा ख्याल गालों के रास्ते उतरता है-
इन आंखों में बसें सपने
लगते हैं सब सुहाने
इन्हें सच करने
के खातिर खर्च कर रहे हैं
हम अपने खुन पसीने-
रिश्तों के रंग से रंगा
जीवन रंगोली लगता है
बिना रिश्ते का हर रंग
जीवन का फीका लगता है
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