11 JUL 2017 AT 23:16

तवायफ़ भी जानती है,
उसकी दहलीज़ ये खिड़की ही है,
जहाँ से वो बाहरी दुनिया से रूबरू हो सकती है,
पर निकल नहीं सकती

- Abhishek Kamboj