तवायफ़ भी जानती है,उसकी दहलीज़ ये खिड़की ही है,जहाँ से वो बाहरी दुनिया से रूबरू हो सकती है,पर निकल नहीं सकती - Abhishek Kamboj
तवायफ़ भी जानती है,उसकी दहलीज़ ये खिड़की ही है,जहाँ से वो बाहरी दुनिया से रूबरू हो सकती है,पर निकल नहीं सकती
- Abhishek Kamboj