नीरस लोगों का साथ नीरस लोगों को ही पसंद आता है, प्यार में इतना रस है कि किसी की छोटी- छोटी बात में भी स्वाद ले सके।
हम जब इस प्यार के लिए तैयार हो जाते हैं तो किसी भी नीरस वस्तु में रस ढूँढ लेते हैं। सामने से उतना ही प्यार न पाने पर पीछे हट जाते हैं। यह मन कभी तो एक मुस्कान पर हार मान जाता है तो कभी लाख बहाने भी सुनाई नहीं देते।
प्यार से बेहतर कोई उपहार नहीं, किसी की प्रेमपूर्वक कही हुई एक बात भी दिल में घर कर सकती है। इस उपहार को मना करने का अर्थ ईश्वर से बैर लगाना है, प्रेम के मार्ग में किंतु, परंतु नहीं आते केवल प्रेम आता है, टकटकी लगाए प्रतीक्षारत।
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