21 AUG 2017 AT 2:29

शब्दों का ये मेल अनोखा,
शायद ये कलम भी दीवानी है ।।
मिले फुरसत तो मिलना कभी,
एक कहानी तुम्हे सुनानी है ।।

- अभिषेक - Philiorara