धुएँ के गुबार में, जश्न ए शराब मेंखुशियाँ चहक रही है माहताब मेंज़रूरतें, खुशियाँ बेच कर खुश है! - ©Abhilekh
धुएँ के गुबार में, जश्न ए शराब मेंखुशियाँ चहक रही है माहताब मेंज़रूरतें, खुशियाँ बेच कर खुश है!
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