ऐसा कोई शहर नही, जहां मेरा निशां नहीं...न मैं क़ाफ़िर, न मुसाफ़िर, न ख़ानाबदोश...हाँ... तेरे जैसा खुदा, अभी मुझे मिला नहीं..! - ©Abhilekh
ऐसा कोई शहर नही, जहां मेरा निशां नहीं...न मैं क़ाफ़िर, न मुसाफ़िर, न ख़ानाबदोश...हाँ... तेरे जैसा खुदा, अभी मुझे मिला नहीं..!
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