23 DEC 2018 AT 23:27

आदमी टूटा हुआ सा साज़ है,
धड़कनें क्यों इस कदर नाराज़ हैं?
किसने छिना है लबों से लफ्ज़ तारी,
किसने पैदा की दिलों में बेकरारी?
#ओजस

- अभिजीत जनार्दन