Abhay Pandey  
25 Followers · 6 Following

read more
Joined 12 December 2017


read more
Joined 12 December 2017
13 JAN 2022 AT 15:54

खुदा फ़क़त है तो इतना रेहम कर।
सुख़न-वर न कर सके तो ना-फ़हम कर।।

-


12 DEC 2021 AT 21:25

किस कदर दिल ने खुद को बर्बाद किया है।
जिन लम्हों में तुझे याद किया उन लम्हो को फिर से याद किया है।

-


5 DEC 2021 AT 0:41

आलम क्या है ये ना पूछ,
मुसलसल हाल की मुढ़ी में है।
नींद पैबंद है के पर्दा है कहें क्या,
अब तो सपने भी मेरे छुटी पे है।

-


1 DEC 2021 AT 21:37

मैं सोया हु सर्द रातों में आसमां तले,
मुझे फ़ाज़िल उम्मीद की वबा न दे।
चाँद तारो से डरना मुक़द्दर मेरा है,
इनकी रौशनी की मुझको दुआ न दे।

-


16 NOV 2021 AT 21:58

न रूह, न रेहनुमा, न चारा-ए-ज़र आए,
मेरे हाल की गवाही को कोई शजर आए।।
इस कदर हो तेरा साथ,
जब्त हो पलके और तू नजर आए।।

-


11 OCT 2021 AT 19:47

शिसकियो को बेपर्दा करो, आँसुओं का बाजार लगाओ।
शिकवा का तमाशा बने, जेहमतो का व्यापार चलाओ।

-


3 OCT 2021 AT 21:53

मिल्कियत मेरे जज़्बात की चार लकीरे है बस,
उनसे भी आशनाई नही कागज़ की तो क्या कीजिये।

-


5 AUG 2021 AT 10:11

क्यो केहते हो कि मुश्किल इंतहां है,
चिंगारी से ही लाल ये जहाँ है।

अभी जो बुझ जाए तो तौहीन-ऐ-शमां हो,
अभी देखन को ताप बेचैन आसमां है।

-


4 AUG 2021 AT 16:48

इस कोने में चलने को रास्ते,
उस कोने ठेहरने का मकां रखते हैं।
रखते है सपनों की झूठी सफीना,
जगने का पुरा समां रखते है।
रखते हैं कागज़ के फूलों में खुसबू,
मुर्दा लाशो में जां रखते है।
रखते है आंधी तूफाँ सजों के,
दीवान में चैन की वबा रखते है
रखते सजा के है जग भर की हस्ती,
छुपा दबा के थोड़ा इमां रखते है।
गली किनारे है एक छोटी दुकान,
यहाँ बेचने को दोनों जहाँ रखते है।

-


26 MAR 2021 AT 21:42

ना सुक़ू हो, ना सब्र हो, ना आराम हो।
अगर रेहमत हो तो न कुछ सोचू, ना समझू
इतनी फेहरिश्त हो, इतना काम हो।

-


Fetching Abhay Pandey Quotes