ना जाने क्यों लगता हैं ऐसा अब उम्र गुज़रे तेरे साथ,बेझिझक ले तु हाथों में मेरा हाथ,बीन कहे समझूं तेरी हर बात,आगोश में गुज़रे तेरे हर रात,ना जाने क्यों लगता हैं ऐसा अब उम्र गुज़रे तेरे साथ। - ARSH
ना जाने क्यों लगता हैं ऐसा अब उम्र गुज़रे तेरे साथ,बेझिझक ले तु हाथों में मेरा हाथ,बीन कहे समझूं तेरी हर बात,आगोश में गुज़रे तेरे हर रात,ना जाने क्यों लगता हैं ऐसा अब उम्र गुज़रे तेरे साथ।
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