इकरार हो तो कद्र, इनकार हो तो सज़ा।झूठ की नींव पर, जली सच की चिता। सच क्या है और झूठ क्या, ये राज़ रहेगा सदा।मैं बोल नही पाउंगी, और लोग सुन नही पाएंगे। - Aashima
इकरार हो तो कद्र, इनकार हो तो सज़ा।झूठ की नींव पर, जली सच की चिता। सच क्या है और झूठ क्या, ये राज़ रहेगा सदा।मैं बोल नही पाउंगी, और लोग सुन नही पाएंगे।
- Aashima