Aash Mehta   (Aash Mehta)
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Joined 4 April 2018


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Joined 4 April 2018
23 JAN 2023 AT 21:40

My bed is my favourite chill out zone,
where after a hectic day, I sign off to land in
my dreams.

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23 JAN 2023 AT 21:28

My bed is my favourite chill out zone,
where after a hectic day, I sign off to land in
my dreams.

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19 DEC 2022 AT 17:51

कभी कभी महसूस होता है कि आज के जमाने में, ज्यादा शरीफ़, सीधा बनकर रहने में नुकसान के सिवाय कुछ नहीं है। आप सबको अच्छा मानते जाएंगे, लोग उतना ही आपको बेवकूफ बनाते जाएंगे या तो फिर उनके हाथों इस्तेमाल किए जाएंगे।
फिर कहीं ना कहीं आप अच्छी तरह जानते हैं की सामने वाला आपका फायदा उठा रहा है या बेवकूफ बना रहा है, पर आपकी अच्छा बनने की बुरी आदत आपको ये मानने नहीं देती। और आखिर में सिवाए खालीपन और अफसोस के आपको कुछ हासिल नहीं होता।

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4 DEC 2022 AT 10:12

मेरा शांत, चुपचाप सा रहना
किसी को परेशान नहीं करता..

अपने मतलब पड़ने के सिवा
वैसे मुझे कोई याद नहीं करता !

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3 DEC 2022 AT 4:51

और फिर बिना किसी बात
मेरे नैन और मैं जागे सारी रात !

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24 OCT 2022 AT 12:48

मेरी तो कई बार से दीवाली ऐसी होती है कि व्हाट्सप्प और फेसबुक पे झमाझम हैप्पी दीवाली वाले मैसेज चल रहे हैं, इसको भी, उसको भी, ऐसा लग रहा है कि करोड़पति लेवल के बिजी होंगे हम, पर असल में बिस्तर पे लेट के सोच रहे हैं कि अब तो ये वाली दीवाली भी निकल गयी, अब कहाँ लेकर जाएगी ये ज़िंदगी, बचपन में तो मैं वो मुर्गा छाप वाला बम फोड़ कर असीमित खुशियां मिल जाती थी, पर जैसे जैसे उम्र का कैलेंडर और पैट की चौड़ाई बढ़ती जा रही है ये सब करने का मन नहीं करता ।

बाकी दीवाली की अपना अलग ही रौनक है मेरे जीवन में, ये झालर, ये रौशनी है, ये माहौल देखकर पता नहीं क्यों बड़ी अच्छी वाली फीलिंग आती है जैसे कि सब अच्छा अच्छा होगा। आप सबको मेरी तरफ से दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं, भगवान् करे आप जिस चीज़ के लिए मेहनत कर रहे वो आपको मिल जाए, बाकी स्वस्थ रहें, ख़ुश रहें, सुखी रहें ।

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28 SEP 2022 AT 21:26

ख़ैर, हम जिनको भी मिले
उनको जरूरी नहीं लगे !

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23 SEP 2022 AT 21:20

Well, I never been anyone's favourite !

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8 SEP 2022 AT 0:11

कभी कभी कुछ ऐसा देखने सुनने को मिलता है, तो कभी खुद के लिए कुछ ऐसा लगता है जिससे मन सिहर उठता है। इतना अकेलापन, इतनी उदासीनता, इतनी बैचेनी, इतनी पीड़ाओं के बीच जीवन का मूल्य कितना कम हो जाता है।
सोचता हूं जीवन का अर्थ क्या है ? उद्देश्य क्या है ?
क्या इंसान सिर्फ मुश्किल परिस्थितियों से लड़ने के लिए है।

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2 SEP 2022 AT 1:06

पहले पागल हुए प्यार में
फिर पागल होकर रह गए !

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