दिल जब घबराए तेरा, ख़ुद ही को तु बाहों में भर।
जब आंसू छलके तेरे, खुद ही तु उनको साफ कर।
अपनी पीठ तु ख़ुद थपथपा, ख़ुद ही को तु सीने से लगा।
सफ़र है लंबा, चलना अकेले, ख़ुद तो तु ख़ुद का साथ निभा।
ख़ुद ही से तु उम्मीदें रख, ख़ुद ही से रख शिकायतें।
ख़ुद ही को परख तु, ख़ुद ही से निरख भी।
चलना है अकेले, सफर है लंबा, ख़ुद तो तु ख़ुद का साथ निभा।
ख़ुद ही तु घाव पे मरहम लगा, ख़ुद ही तु बन अपनी दवा।
ख़ुद के बिना तो ख़ुदा भी अधूरा, ख़ुद को यूं ना और सता।
सफर है लंबा, चलना है अकेले, ख़ुद तो तु ख़ुद का साथ निभा।
गिर, हार, रो भी सही, पर डर कर यूं ना खो कहीं।
उठ ख़ुद ही के सहारे से, ना किसी की यूं राह ताक।
ख़ुद ही की तु हिम्मत बन, ख़ुद ही की बन आरज़ू।
ख़ुद ही को तु हैरान कर, ख़ुद ही को कर बुलंद भी।
चलना है अकेले, सफर है लंबा, ख़ुद तो तु ख़ुद का साथ निभा।
बस तू ख़ुद का साथ निभा।
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