उसकी उंगली से लिपटी मेरी उंगलियां बोलती हैं ,मेरे होंठो की हँसी उसकी निगाहों से बोलती है गिरता हूँ मै जब भी लड़खड़ाकर ..........मेरे ज़ख्मो को चूम ........माँ आज भी रो देती है । - Akki
उसकी उंगली से लिपटी मेरी उंगलियां बोलती हैं ,मेरे होंठो की हँसी उसकी निगाहों से बोलती है गिरता हूँ मै जब भी लड़खड़ाकर ..........मेरे ज़ख्मो को चूम ........माँ आज भी रो देती है ।
- Akki