ठोकरें मिली हैं कई बार मुझको,
पर अब भी मुझमें उठ खड़े होने का जज़्बा बाकी है।
लाख झुका ले तकदीर मुझको,
पर अब भी उससे लडने को कुछ सांसे अभी बाकी है।
वो गुरूर नहीं मेरा जुनून है जो दिखता तुझको,
सब्र कर ऐ जिंदगी, अभी तुझको मेरा आखिरी सलाम बाकी है ।।
कई इम्तेहानों में परखा है तूने मुझको
तू ही बता दे कितनी कसौटियां और बाकी हैं।
डाल दे चाहे बीच मझधार में मुझको
मुश्किलों की पतवार बनाने का हुनर मुझमें अभी बाकी है।
वो गुरूर नहीं मेरा जुनून है जो दिखता तुझको,
सब्र कर ऐ जिंदगी, अभी तुझको मेरा आखिरी सलाम बाकी है ।।
डर नहीं है सपनों के टूटने का मुझको,
खुली आंखों से देख उन्हें पाने की भूख अभी बाकी है।
क्या हो गया जो ज़मी पे धक्के मिले हज़ार मुझको
नहीं पता तुझे शायद अभी मेरे हौसलों की उड़ान बाकी है।
वो गुरूर नहीं मेरा जुनून है जो दिखता तुझको,
सब्र कर ऐ जिंदगी, अभी तुझको मेरा आखिरी सलाम बाकी है ।।
इतना ना आज़मा ऐ जिंदगी मुझको,
मेरे हौसलों में थोड़ी आग अभी बाकी है।
इजाज़त है जा मुझसे रूठने की तुझको
क्योंकी तुझपे मुस्कुराने की मेरी आदत अब भी बाकी है ।
वो गुरूर नहीं मेरा जुनून है जो दिखता तुझको,
सब्र कर ऐ जिंदगी, अभी तुझको मेरा आखिरी सलाम बाकी है ।।
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