Arya Aditya   (आदित्य)
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Joined 28 October 2017


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Joined 28 October 2017
29 JAN 2022 AT 14:34

मोहब्बत की बिछड़न जज्बात मार देती है।
जिंदगी भी ज़ालिम है कहां प्यार देती है।
ये बात और है कि हस जाती है मेरी बात पर।
पर ये हसीं भी वो कहां हर बार देती है।— % &

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24 JAN 2022 AT 12:26


एक तेरी आंखे नही है नशे की  ख़ातिर।
वरना नशे के महफ़िल ने इंतजाम ओर भी है।
ओर तुझसे इश्क़ करने का मज़ा अलग है।
वैसे इसके अलावा हमे यूं तो काम और भी है।
एक तेरा नाम है लबो से नही उतरता बस ।
इसके अलावा याद हमे हजारो नाम और भी है





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23 JAN 2022 AT 9:47

हम क्यों किसी को अपना चाँद बनाते है।
क्यों उसके मुस्कुराने पर ही मुस्कुराते है।
ओर वो दूर हो तो जान भी दूर होने को हो।
हम क्यों किसी को अपना ख़ास बनाते है।

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22 JAN 2022 AT 16:53

ये मुझे क्या हुआ मै ऐसा क्यों कर रहा हूं।
मैं क्यों अपनी तकलीफ़ को ज्यादा कर रहा हूं।
एक वो जिसे फ़र्क नही मेरे किसी भी हाल से।
एक मैं की बस उसकी कमी से ही मर रहा हूं।

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20 JAN 2022 AT 20:42

आंखे सूजी है बस अभी मैं रो कर आया हूँ।
इश्क़ की गली से ही तो होकर आया हूं।
उम्मीद थी कि उसको भी हासिल कर लूंगा।
ओर देखो मै खुद की को खोकर आया हूँ।

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11 JAN 2022 AT 20:39

किसी को खो देने से डरावना होता है उसे खो देने का डर , जो तब तक बना रहता है जब तक हम उसको खो नही देते। और जब तक ये डर बना रहता है तब तक आदमी की सोच बस उस इंसान के इर्दगिर्द घूमती रहती है ना उस चीज़ से ज्यादा ओर ना उस चीज़ से दूर कभी कुछ सोच पाता है।
ध्यान रखे अगर किसी चीज़ को खोने से डरते हो तो एक काम करो ये मान कर की वो तुम्हारी चीज़ नही है उसे आज़ाद करो तुम्हारा है तो रहेगा तुम्हारे पास ।
'आजाद करो उसे भी ओर अपने ख्यालों को भी '

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11 JAN 2022 AT 14:58

चाह कर भी उसे अपना कर नही पाए हम।
मोहोब्बत में बस यही कर नही पाए हम।

ओर मेरी सांस तक मे वजूद था उसका।
बस एक इश्क़ में मर नही पाए हम।

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11 JAN 2022 AT 14:31

बदलाव संसार का नियम है, लेकिन बदलाव overnight नही होते। वक़्त लगता है इस बदलाव में। कभी हालात, सोच, जज्बात, व्यवहार, किसी को कितना महत्व दिया गया है, तुम उसके बारे में क्या सोचते है जो सिर्फ तुम्हारे बारे में सोचता है। तुम किसी रिश्ते को कितना महत्व देते है । कोई आदमी कितना जरूरी था तुम्हारे लिए। ऐसा हमेशा नही हो सकता ना कि किसी को तुम ' good morning - good night ' बोलते रहे और गलती से किसी दिन नही बोला ओर उधर से कोई कुछ बोले ही ना। फिर आदमी तो बदल ही जायेगा ना।

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10 JAN 2022 AT 14:24

उसके हर सच से वाकिफ़ है हम
ये बात और है कि दिल मानता नही।
झूठ हर बात में तैयार रखता है वो
उसे लगता है कि मैं कुछ जानता नही।

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8 JAN 2022 AT 15:28

जिन्हें कद्र ना हो तुम्हारे प्यार की उन्हें एहसास दिलाना छोड़ दो। क्योकि तुम प्यार करना छोड़ दो ये तो हो नही सकता। बस निभाते रहो प्रीत चलते रहो राह पर , ओर किसी दिन दिल गवाही दे दे तो अपने दिल मे अपने अरमान लेकर उसके रास्ते से अलग हो जाओ। क्योंकि उसके लिए तुम पहले भी नही थे और आगे भी नही रहोगे ....

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