ये कैसा तजुर्बा मिला तुझे, एक मौका तो दिया होता मुझे। एक जान नन्ही थी, दुनिया देखनी थी, ये कैसी दुनिया दिखाई उसे, बता कैसा तजुर्बा मिला तुझे।
मजबूरी थी तभी मांगी थी। विश्वास बहुत था इंसानों में, स्वाद थी बहोत मदद के हाथों में। बताओ जरा, वो आवाज़ सुकून तो दी न तुझे, बता कैसा तजुर्बा मिला तुझे।
Today, It can rain inside me, It might pain inside me. It was a sicret but truth revealed today. You are not outside me, The cloud of your memory which make space inside me, It can rain inside me. It might pain inside me...
पंछियों से पूछिए परवाज क्या होती है। बहरे से पूछिए साज क्या होती है। बेजुबान से पूछिए आवाज़ क्या होती है। कवियों से पूछिए अल्फ़ाज़ क्या होती है। बेरोजगरों से पूछिए काज क्या होती है। वेश्याओं से पूछिए लिहाज क्या होती है।