कद्र....इक तेरे प्यार की खातिर मै लड़ बैठा जमाने सेतू बिछड़ा तो बिछड़ा हूं मै अपनी खुशी के हर ठिकाने सेकरता रहा मिन्नतें और मरता हूं हर पल इंतज़ार में तेरेलेकिन सही कहा आपने के मुझे कद्र नहीं थी...... - Yogesh agrahari
कद्र....इक तेरे प्यार की खातिर मै लड़ बैठा जमाने सेतू बिछड़ा तो बिछड़ा हूं मै अपनी खुशी के हर ठिकाने सेकरता रहा मिन्नतें और मरता हूं हर पल इंतज़ार में तेरेलेकिन सही कहा आपने के मुझे कद्र नहीं थी......
- Yogesh agrahari