21 MAY 2018 AT 0:02

कद्र....
इक तेरे प्यार की खातिर मै लड़ बैठा जमाने से
तू बिछड़ा तो बिछड़ा हूं मै अपनी खुशी के हर ठिकाने से
करता रहा मिन्नतें और मरता हूं हर पल इंतज़ार में तेरे
लेकिन सही कहा आपने के मुझे कद्र नहीं थी......

- Yogesh agrahari