तुझ से कहूं या ना कहूं ये दिल की आरज़ू हर सुबह में खोता है तू हर शाम रूबरू - Poeticwaseem
तुझ से कहूं या ना कहूं ये दिल की आरज़ू हर सुबह में खोता है तू हर शाम रूबरू
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