20 MAY 2018 AT 19:53

आंखों से हम नींद लगाए बैठे हैं
ख्वाबों से उम्मीद लगाए बैठे हैं
गोरे काले की बहस में दुनिया उलझी है
हम चेहरा रंगीन कराए बैठे हैं

- Poeticwaseem