चलो कहीं दूर चलते हैं,
ख्वाहिशों की पतंग लूट आने को,
किसी आँख में डूब जाने को,
करने आजाद किसी बहाने को,
कोई याद गुनगुनाने को,
चलो चलते हैं,
कोई रूठी शाम मनाने को,
दिल में शमा जलाने को,
बुझने को बुझाने को,
दिल की दुनिया सजाने को,
अधूरी बात बताने को,
किसी कांधे पे सो जाने को,
चलते हैं।
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