: INTENSE FOR LIFE :
शीतमो गुलजार ना हो तो ये जिंदगी किस काम की।
थोड़े से ख्वाब मुठी मैं भस्म ना हो, तो ये बेरुखी किस काम की।
शोख़ तो रखते है हम सब कुछ पा लेने की,
अगर सब कुछ मिल जाये तो मिल जाने का मजा क्या ?
ये वक़्त हे तो सब है, ये वक़्त नहीं तो कुछ नहीं।
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