17 APR 2018 AT 23:35

फिर वही एहसास
फिर वही बात,
जो झंझोड़ कर रख देती है मुझे हर बार !
काश ! तक़दीर को बदला जा सकता,
काश ! मेरी रूह को
तुमसे अलग किया जा सकता !
काश ! वो सब किया जा सकता,
जो मैं कर सकता था...
काश ! काश !
@k

- @k