12 APR 2018 AT 21:25

जिम्मेदारियों के बोझ तले दबते जा रहा हूँ,
आज फिर मैं इंसान बनकर पछता रहा हूँ !
चाहता हूँ फिर से मिलना इस नीले आकाश में,
पर, चाहकर भी उड़ नही पा रहा हूँ।।
@k

- @k