11 JUL 2018 AT 23:33

2nd part
हमारी मुलाकात भी बड़ी दिलचस्प थी,
वो पहली मुलाकात...
मैं लाइब्रेरी में था ओर रोज़ की तरह अपनी वही बुक पढ़ रहा था, जिसका टाइटल था
"अजीब ए दास्तान"
पर आज पढ़ते-पढ़ते मैं खो ही गया था,
टाइम की तरफ बिल्कुल ही ध्यान नहीं गया !
अंधेरा हो चुका था, धीरे-धीरे भीड़ भी कम हो चली थी
फिर एक आवाज मेरे कानों में पड़ी -
"सर लाइब्रेरी बंद करने का टाइम हो गया है अब आप
कल आएं प्लीज"
मैने पीछे मुड़कर देखा, पहली दफ़ा मैने उसे देखा था
और मैं बस देखता ही रह गया...
मानो वक्त थम सा गया !
उसकी नीली भूरी आँखें ओर एक प्यारी सी स्माइल,
मैने आज से पहले ऐसा कभी महसूस नहीं किया था !
फिर दुबारा उसने कहा, सर
मैने हड़बड़ा कर कहा, ओह सॉरी मुझे टाइम का पता ही नहीं चला !
उसने कहा कोई बात नहीं आप कल आ जाना,
आज का टाइम पूरा हुआ लाइब्रेरी बंद करनी है !
इन सब बातों में मैं थोड़ी देर के लिए ये
भी भूल चुका था कि मैं पढ़ क्या रहा था...
फिर मैं भी वहाँ से निकल गया !
To be continued... -@k


- @k