QUOTES ON #हास्यरस

#हास्यरस quotes

Trending | Latest
19 APR 2019 AT 20:28

प्रिय ठलुआ-वृंद!

मनुष्‍य-शरीर आलस्‍य के लिए ही बना है। यदि ऐसा न होता, तो मानव-शिशु भी जन्‍म से मृग-शावक की भांति छलांगें मारने लगता, किंतु प्रकृति की शिक्षा को कौन मानता है। 

निद्रा का सुख समाधि-सुख से अधिक है, किंतु लोग उस सुख को अनुभूत करने में बाधा डाला करते हैं। कहते हैं कि सवेरे उठा करो, क्‍योंकि चिडियां और जानवर सवेरे उठते हैं; किंतु यह नहीं जानते कि वे तो जानवर हैं और हम मनुष्‍य हैं। क्‍या हमारी इतनी भी विशेषता नहीं कि सुख की नींद सो सकें! कहां शय्या का स्‍वर्गीय सुख और कहां बाहर की धूप और हवा का असह्य कष्‍ट!

-


21 JUN 2022 AT 13:12

ऑनलाइन वाला प्यार
🤭🤭👇👇🤭🤭

-


22 JUN 2022 AT 11:34

बनाना जरूरी गर्लफ्रेंड हो गया
आजकल शुरू नया ट्रेंड हो गया
मैं भी बातों में दोस्तों की आ गया
शादी से पहले ही हस्बैंड हो गया
😅😅😅😅😅😅😅😅
अच्छा भला दिल का इकलौता मालिक था
छोरी के चक्कर में साला हैंग हो गया
खर्चा करवाएं सारा पॉकेट खाली हो गया
इतना धकेला मुझे कि मैं एक गेंद हो गया
😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅
छम छम सेठानी चले पप्पी के संग
वैसे मैं भी पालतू बॉयफ्रेंड हो गया
काम काज में मेरा अब दिल ना लगे
काम का बंदा निरा निखट्टू हो गया
🙆🙆🙆🙆🙆🙆🙆🙆🙆🙆
वाह रे छोरी तेरी भी क्या नसीब जगे
मुफ्त का खजाना तुम्हे सेंड हो गया
यह करो बाबू ! वह करो सोना !
इतना बजाया मुझे जैसे बैंड हो गया
🪘🪘🪘🪘🪘🪘🪘🪘🪘

-


2 OCT 2019 AT 21:33

एक बार मैं नानी के घर थी गई,
तब थी मैं छोटी पर बुद्धू बड़ी।
अबतक मैंने हरी मिर्च का स्वाद था जाना,
लाल मिर्च को मैंने यहां आकर पहचाना।
रहती थी वहां मालिन एक मोटी,
ऊंची-सी नाक थी कद में थी छोटी।
देखा मैंने लालमिर्च से टोकरी थी उसकी भरी,
सोच रही थी मैं मन में ही मिर्ची तो होती है हरी।
कहा मैंने उस मालिन से तब मिर्ची तो होती है हरी,
फिर यह लाल हो गई कैसे किसने इसमें रंग भरी।
सुन मेरी बात फिर उसने खीस निपोरा,
लाल वाली होती मीठी तीखा होता है हरा।
मीठा सुनकर मेरे मुंह में आया पानी,
थोड़ी सी मीठी मिर्ची दे दो मालिन रानी।
सोचा था मैंने-
लड्डू-जलेबी होता लाल जैसे,
यह लाल मिर्च भी होगी वैसे।
बड़े प्यार से मैंने लाल मिर्च चबाया,
स्वाद चख मेरे आंखों में पानी भर आया।
रोने लगी मैं जोर-जोर पानी पानी कहकर,
दौड़ी दौड़ी आई मैं पानी पीने घर पर।
फिर मेरी नानी ने मुझको दी मिठाई,
तब लालमिर्च की कहानी मुझको समझ आई।

-


21 JUN 2022 AT 12:38

हास्य रस
टकला चाँद
😂😂😜🤣🤣

-



मैं आज्ञाकारी प्रजा जैसी।
तुम अहंकारी राजा प्रिये।

मैं सुरीली धुन के जैसी।
तुम बिन सुर-ताल का बाजा प्रिये।

मैं दवा मरहम के जैसी।
तुम जख़्म ताजा ताजा प्रिये।

मैं नशीली शराब जैसी।
तुम बिन चकने वाला मज़ा प्रिये।

मैं प्रेम परिपूर्ण जैसी।
तुम जज़्बातों का कज़ा प्रिये।

-


9 JAN 2021 AT 23:37

विटामिन डी (हास्य गीत)

धूप में निकला भी करो रूप की रानी
विटामिन डी की कमी ना हो जाए
गोरे गोरे गाल तुम्हारे ना होंगे काले
पर हडि्डयां कहीं कमजोर ना हो जाएं।।

बदन दर्द सारा दिन होता रहेगा
कुछ भी कर लो आराम ना मिलेगा
सारा दिन बेचैनी में गुजरेगा
धूप में निकलने को डाक्टर भी कहेगा।।

धूप में निकला भी करो रूप की रानी
विटामिन डी की कमी ना हो जाए
गोरे गोरे गाल तुम्हारे, ना होंगे काले
पर हडि्डयां कहीं कमजोर ना हो जाएं।

धीरे धीरे हड्डी हो जाएगी टेड़ी
सीधा चलना भी मुश्किल हो जाएगा
छड़ी को पकड़कर चलना पड़ेगा
सर्जरी से भी, हल कोई ना निकलेगा।।

धूप में निकला भी करो रूप की रानी
विटामिन डी की कमी ना हो जाए
गोरे गोरे गाल तुम्हारे, ना होंगे काले
पर हडि्डयां कहीं कमजोर ना हो जाएं।

-


29 MAR 2017 AT 20:12

जबै से इलाहाबादी महानायक अमित जी,
गाए हैं सुर ताल लेकर वो मनभावन गान,
तबै से पूरे देश के कोने-कोने, गली-गली में,
छा गवा है हमार भौकाली बनारसी पान।

-


23 DEC 2021 AT 15:30


तुम बुढ़े हो चुके

बोला मैंने कि तुम बुढ़े हों चुके
बुढ़ापे में केश को काला करते और लड़कियों को टेड़ी नज़र से देखते ।
नज़र से तो अंधे हो चुके
चश्मा तो ऐसे पहनते एक दम दादा जी लगते हो।

कितनी दफ़ा कहा पतलून न पहना करे
एक दम जोकर लगते हो।
बेल्ट तो ऐसे कस के पहनते
पेट फटकर बाहर निकल जाए।

-


3 JUN 2020 AT 11:01

व्हाट्स ऐप पर ‌मैसेज भेजकर
पढ़ने के पहले मिटा देती हूँ
लोग सोचते हैं पता नहीं क्या भेजी थी
कौतूहल का भाव बिठा देती हूँ
फिर कुछ लोग फोन करके पूछते हैं
कुछ लोग मैसेज में ही सूचते हैं
कुछ लौग मौन रह जाते हैं
कुछ भी नहीं बताते हैं
उन लोगों को पुनः मैसेज भेजती हूँ
क्षमा करें महोदय गलती से सेंड हो गया था
मैसेज अपने आप स्पर्श से ब्लेंड हो गया था
अब उनका भी दिमाग़ चकराता है
की मिटाए गए मैसेज में क्या लिखकर आता है

-