QUOTES ON #सच्चासुख

#सच्चासुख quotes

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16 APR 2018 AT 20:25

लेखकजनो, नमस्ते।

1. "जनता की आवाज़ सुनो"
इस पंक्ति को आधार बना कर काव्य रचना करें।

2. 'सच्चा सुख"
इस शीर्षक के तहत एक 100 शब्दों का लेख लिखें।

शुभकामनाएँ।

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16 APR 2018 AT 20:44

माथे पे लटकती तेरी लटो की तरह
आंखों में सिमटी हया की तरह
बेहताशा झपकती पलको की तरह
सुर्ख लबों के लरज़ने की तरह
गालो की सुरमई रंगत की तरह
दिलकश हो तुम अजंता की तरह
देखकर तुमको जी उठता हूँ

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22 JAN 2022 AT 18:51

हे स्त्री! जागो!
इससे पहले की समाज दो हिस्सों में बंट जाए- मर्द और मर्दानी....
लौट चलो स्त्रीत्व की ओर! बचा लो अपना अस्तित्व!

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16 APR 2018 AT 21:21

बहुत सुन लिया हमने तुमको
अब मेरे मन की बात सुनो
हर ओर परेशाँ है जनता
ज़रा जनता की आवाज़ सुनो

कोई एक परेशानी गर हो तो
मैं तुमको यहाँ क्यों याद करूँ
पर परेशानी का ढेर लगा है
ज़रा जनता की आवाज़ सुनो

छोड़ो कुछ दिन सैर-सपाटा
अब घर को अपना ध्यान करो
वैसे आने वाला है मौसम अब
ज़रा जनता की आवाज़ सुनो

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17 APR 2018 AT 16:19

सच्चा सुख
स्वादिस्ट भोजन में, मनोरंजन में, धनदौलत में या सागरतट पहाड़ी विहार में, कहां हैं सच्चा सुख
अप्नोके साथ में, दुश्मनों के बिछड़ने में, भजनकीर्तन में या एकांत में ढूंढे जग सारा फिर भी मन हारा
न भारी भरकम खजाने में, वो तो है खुद अन्तर्मन में
एक तू सबमे सच्चा शिव शरीर तन मन धन
तू नही तो सुख....."शवासन"।।

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16 APR 2018 AT 21:19

जनता की आवाज़ सुनो
वादे झूठे ही करने हैं
मन्दिर मस्ज़िद वाले जुमले
फिर से उनको कहने हैं
दलित विकास रोजगार आरक्षण
के कसीदे फिर से उनको पढ़ने हैं
जनता की आवाज़ सुनो
वादे झूठे ही करने हैं
लूट लिया खादी वालो ने
अपने देश की शान
झुका दिया खाकी वालो ने
अपने देश की आन
मूर्ख है हम,जनता जो कर सकी ना
इन मक्कारो की पहचान

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30 APR 2021 AT 10:53

*सच्चा _ सुख*
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सारा  संसार  सुख  और  शांति  की  तलाश  में  मारा - मारा  फिर  रहा  है  । 
शारीरिक  और  बाहरी  सुख  क्षणभंगुर  और  बदल  जानेवाले  हैं  । 
इंद्रियों  के  घाट  पर  जो  सुख  प्रतीत  होते  हैं  ,
  वे  हमारे  अपने  ही  मन  की  वृत्तियों  के  उनके  साथ  जुड़  जाने  के  फलस्वरूप  हैं  । 
वह  सुख  हमारा  अपना  ही  है 
जो  एकाग्रता  ( मन  की  वृत्तियों  की  क्षणिक  एकाग्रता )  के  कारण  प्रतीत  होता  है  ; 
जिस  प्रकार  कुत्ता  हड्डी  को  चबाता  है  जिससे  उसके  अपने  मुँह  से  खून  बहता  है  ,
  वह  उसे  पीकर  मस्त  होता  है 
और  समझता  है  कि  यह  हड्डी  से  मिल  रहा  है ।*  

*_ _ _ आत्मा  चेतन  है  , 
उसे  अचेतन  जड़  पदार्थों  से  सुख  कहाँ  !
  उसे  तो  केवल  महाचेतन  के  साथ  जुड़ने  से  सच्चा  सुख  मिल  सकेगा  । 
गुरु  का  शब्द  महाचेतन  की  धारा  है  ,
  जिसके  साथ  स्पर्श  करके  सुरत  सच्चे  सुख  का  अनुभव  करती  है :*

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16 APR 2018 AT 20:51

सच्चा सुख, स्थिति प्रज्ञ होने में होता है

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17 APR 2018 AT 6:22

सच्चा सुख,
दौलत से ज्यादा दावत में है।
शौहरत से ज्यादा मोहब्बत में है।
Social media से ज्यादा social function में है।
Mobile phone से ज्यादा दो पल के मौन में है।
Facebook post से ज्यादा मिलते दोस्त में है।
Timeline से ज्यादा बच्चे की smile में है।

Life is real not virtual.

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16 APR 2018 AT 22:38

जनता की आवाज सुनो ऐ गद्दी पर बैठने वालो,कही बलात्कार हो रहे है कही आंदोलन हो रहे है ,कही किसान मौत को लगा रहा गले क्यों बताओ हे जनता के रखवालो ,कही सिमा पर फौजी मरता,कही रिश्वत का चल रहा है नंगा नाच,जनता की आवाज सुनो ऐ जनता के रखवालो !

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