QUOTES ON #मुहब्बत

#मुहब्बत quotes

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14 JUL 2020 AT 17:26

माना मंजिलें नहीं मिलती रूह से मुहब्बत करने वालों को,
कोई रहनुमा को पत्थर और रहगुज़र को ख़ुदा मान लो!!

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13 DEC 2020 AT 20:35

क्यूँ इतने उसूल बना रखे तुमने मुहब्बत में ,
कि,वो भी अधूरें इश्क़ की ख्वाहिश करती है।।

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7 DEC 2018 AT 1:29

धोखे पे धोखे दिए जा रही है,
जिंदगी भी मेरी सरकार हो चली है।

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12 DEC 2020 AT 21:50

किसी को हर पल याद करना इबादत से कम नहीं..,
हाँ!तुझे लिखना मेरी मुकम्मल मुहब्बत से कम नहीं।।

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27 DEC 2020 AT 18:05

सुना है, मुहब्बत खुदगर्ज होती है और....
कहते है,जो सच्ची है, वो अधूरी रहती है!!

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23 NOV 2021 AT 15:01

तुझे ढूँढती नज़र है.. नजारों में रहकर
इक तेरी ही ज़ुस्तजू है.. हज़ारों में रहकर,

पहले ख्वाइशों की सरहद.. तारों तक थी
अब चाँद की तलब है.. सितारों में रहकर,

मुहब्बत की कश्ती.. सोचे.. बीच भँबर में
कितना सुकूँ था.. ए ज़िन्दगी
तेरे किनारों में रहकर,

कोई तस्वीर.. बनाकर ही रख ले मुझे तू
मैं गुजार दूँगा.. ताउम्र दीवारों में रहकर,

उफ़्फ़.. तेरे तस्व्वुर में... कुछ यूँ लगता है
के जैसे.. हवा ख़ुश है गुब्बारों में रहकर..!

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21 APR 2019 AT 1:48

आंसू ही है जो जीवन भर हमारे साथ रहते है
दुख हो या सुख भावनाओं के रूप में बहते है
कभी सोचा न था इन आँखों से निकले
आंसू एक दिन व्यर्थ हो जाएंगे
अब तो यूँ लगने लगा है
की दिल तड़पता है
तो आंसू निकल
ही जाते है

हर दुख सह जाऊंगी पर आँसुओं को कैसे समझाऊंगी
लोग पढ़ लेते है मेरे आंसुओ से मेरा दर्द ना चाहते
हुए भी बयान कर जाते है मेरी मुहब्बत
की दास्तां जहां बहाये थे कभी
मैंने अपने बेशुमार
आंसू.....

कल तक इन आँखों से आंसू न गिरने दिया था
तुमने आज उन्ही आंसुओं से सौदा करने
चले ना जाने कहाँ से लाते हो तुम
इतनी नफरत की तुमने खून के
आंसुओं को भी पैसों में
तोल दिया...

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22 FEB 2019 AT 16:49

कुछ कर अब मेरा भी इलाज ऐ हकीम-ए-मुहब्बत...

हर रात वो याद अाती हैं और मुझसे सोया नहीं जाता.!

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27 SEP 2021 AT 17:33

साँस आधी सी है.. ना धड़कन पूरी है
जिये जा रहे हैं.. जाने क्या मजबूरी है,

आईने का अहम देखकर हँसते हैं पत्थर
के पराये अक्स पे क्यूँ इतनी मगरूरी है,

चले थे हम यह सोच कर खुशियाँ पाने
के चाँद की तो बस.. रातभर की ही दूरी है,

पऱ मिलों सफ़र करके भी पाया नहीं उसे हमनें
मुहब्बत की शायद.. यह राह ही अधूरी है,

देखकर अंधेरे में जुगनू यह एहसास हुआ दिल को
के कमबख़्त.. जीवन में जलना भी लाज़मी है..
...बुझना भी ज़रूरी है!

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8 OCT 2021 AT 18:57

यह जो मुहब्बत है इसमें रंज भी हैं
मसर्रत भी है,
यह जो मुहब्बत है...
बड़ी मुफ़्लिशी है पऱ इसमें बरक़त भी है
दूरी बहुत है चाँद से
पऱ उससे कुर्बत भी है,
यह जो मुहब्बत है...
इसमें रंज भी हैं मसर्रत भी है,
इक मैदान सा है पर्वत भी है
इक सीधी सी राह में.. करवट सी है,

क्या कहें.. के दिल को जिससे नफ़रत सी है
उसे पाने की कमबख़्त हसरत भी है,
यह जो मुहब्बत है.. इसमें रंज भी हैं
मसर्रत भी है...!

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