QUOTES ON #बेटी

#बेटी quotes

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14 MAY 2021 AT 9:11

बच्चों के हित के लिये स्थापित नियमों को तोड़ना पड़े, तो वह भी तोड़ना चाहिए।
यही सीख हमें रामचरितमानस के इस प्रसंग से मिलती है।

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जानकी और द्रौपदी बनने की अब दरकार क्या?
है ज़माना राक्षसों का बन जरा तू भगवती।

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23 JUN 2020 AT 15:03

भर कर एक चुटकी सिंदूर की मांग में
वो ले गया घर की रौनक घर वालों के ही सामने

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22 SEP 2019 AT 21:17

बेटी:
समाज के चूल्हे में झोंक दी जाने वाली।

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23 SEP 2019 AT 15:09


वो जो मना कर दिया है उसने, तेरे इश्क़ के ताज़ को पहन ने से,
सुना हे अपने वालिद के गुरूर का ताज़ वो बखूबी संभालती है..!!!!

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7 JAN 2019 AT 18:59

♥️ बेटी ♥️

मां ने कुछ भी करने पर रोक टोक लगाई
पिता ने सारी चीजों पर बंदिशे लगा दि
भाई बहन अपना होने से मुखर गए
दोस्त साथ देने से पहले ही बिछड़ गए
सास ने सारी इच्छाओं को कुचल दिया
ससुर ने घर में कैदखाने जैसा कैद कर दिया
पति ने अपनी सारी इच्छाएं, सारा भार
मुझ पर थोप दिया
मैंने भी इस अपनी बुरी किस्मत समझकर
इसे मुस्कुराकर अपना लिया...!!!

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7 APR 2017 AT 12:16

बेटियों को तो कोख में मरवाते हो,
क्या खुद किसी बेटे की कोख से आते हो.?

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1 OCT 2020 AT 14:41

मर रही है पग-पग पर इंसानियत, पर वो इंसान जिंदा है।
जिस्म को नोच खाने वाले , शैतान अभी जिंदा है।
रोज एक लुटती है द्रोपती की आबरू
आज भी पापी दुशासन जिंदा है।

घूम रहे हैं हैवान बेफिक्र होकर
क्योंकि प्रशासन,सरकार ये सब की
कानून भी तो अंधा है।

कब तक आस लगाओगी
गिरे हुए सरकारों से,बिके हुए अखबारों से
कैसी रक्षा मांग रही हो,दुशासन के दरबारों से ।

सुनो द्रोपतीयो सस्त्र उठा लो
अब कोई कृष्णा न आएगा ।

छोड़ो मेहंदी तलवार उठा लो
खुद की चीर खुद बचा लो
तुझ में अभी भी दुर्गा अवतार
जिंदा है........🙏

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29 APR 2019 AT 17:06

सस्ता सा कोई एक खिलौना
माँ मुझको लाकर दे दो ना
आईपैड, बार्बी और फ़ोन से
अब जी नहीं बहलता मेरा

इतने महँगे खिलौनों से
खेलने से भी मैं डरती हूँ
टूट ना जाएँ खेल खेल में
ऐसा सोचा करती हूँ

(पूरी कविता अनुशीर्षक में)

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12 MAY 2020 AT 9:02

खुशियो की उड़ान हैं बेटी
सपनो की पहचान हैं बेटी
होटो की मुस्कान हैं बेटी
पिता का सम्मान हैं बेटी
माँ बाप का दर्द समझ जाती हैं बेटी
माँ के आँसू को पोछती हैं बेटी
घर को रौशन करती हैं बेटी
आने वाला कल हैं बेटी
ममता की मूर्त होती हैं बेटी
फिर भी कहते तुम बोझ हैं बेटी
तुम्हारे मस्तक की सौभाग्य हैं बेटी
वक़्त के आँचल की उपहार हैं बेटी

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