मर रही है पग-पग पर इंसानियत, पर वो इंसान जिंदा है।
जिस्म को नोच खाने वाले , शैतान अभी जिंदा है।
रोज एक लुटती है द्रोपती की आबरू
आज भी पापी दुशासन जिंदा है।
घूम रहे हैं हैवान बेफिक्र होकर
क्योंकि प्रशासन,सरकार ये सब की
कानून भी तो अंधा है।
कब तक आस लगाओगी
गिरे हुए सरकारों से,बिके हुए अखबारों से
कैसी रक्षा मांग रही हो,दुशासन के दरबारों से ।
सुनो द्रोपतीयो सस्त्र उठा लो
अब कोई कृष्णा न आएगा ।
छोड़ो मेहंदी तलवार उठा लो
खुद की चीर खुद बचा लो
तुझ में अभी भी दुर्गा अवतार
जिंदा है........🙏
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