निवाले तक चलकर ख़ुद जाना होगा ,
निवाला चलकर तुम्हारे पास नहीं आता है
दूसरों के डाल पर बैठो तो अपने पंखों में जान
भरे रखना , एहसान की डाल अक्सर टूट जाती है।
मीठी जुबान रखना , हर पल इम्तिहान रखना ,
शाम को घर आना , महफ़ूज अपनी जान रखना ,
बेवजह इंसानो के ज्यादा करीब ना जाना ,
करीबियों के कमान से तीर अक्सर निकल जाती है।
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