कब, कहाँ हुई, कोशिशे नाकाम, याद नही,
कहाँ हुई थी मिरी जीस्त ए शाम, याद नहीं.
दर्द ओ गम के सिवा इश्क़ मे,
जहाँ से, और क्या मिले थे दाम, याद नहीं.
जागते हुए शब ओ सहर है काटी,
जिंदगी को, कब मिला, आराम, याद नहीं.
मेरा भी तो इश्क़ रहा है बेहिसाब,
पिये, निगाहों से, कितने, जाम, याद नहीं.
तुम्हें पूजा, तुम्हें चाहा, तुम्हें जाना,
मुझे तो, किसी और का, नाम, याद नहीं.
मेरे गली चौबारे और तेरे शहर मे,
उफ्फ् कहाँ कहाँ हुए बदनाम, याद नहीं.
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