अश्क़ गिरते है जब रूह पे कसक होती है,
हर एक सांस में सहमी सी सिसक होती है,
दरिया होता है दूर दूर तक यादों से भरा,
हर एक बात पे कुछ बातों की झलक होती है,
दिल रोता है तो रोते है नज़ारे सभी,
वक़्त करता है गुलशाद कुछ इशारे कभी,
की कुछ अपना ना जुदा होने की ललक होती है,
अश्क़ गिरते है जब रूह पे कसक होती है
फिर दर्द छुपाने की अदाकारी जो ना कर पाया अदा
बहुत छुपाया दर्द ना छुपा पाया है ये खता
लबों पे मुस्कान और जब झुकी पलख होती है
अश्क़ गिरते है जब रूह पे क़सक़ होती है
हर एक साँस में सेहमी सी सिसक होती है
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