QUOTES ON #तलाश

#तलाश quotes

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28 APR 2019 AT 19:17

दुनिया में प्रेम बहुत खोजा
आओ प्रेम में दुनिया तलाशें

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20 MAY 2021 AT 15:24

तलाश .....

आखिरी तलाश की !!

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22 JAN 2021 AT 17:00

यूँ तो साथ हमारा था बरसों बरस पहले से बेशक
यह बात अलग कि तुम मिली नहीं मुझे मुझसे पहले!

हर वजूद-ए-शय में देखा तुम्हें कि कोई हो तुम जैसी,
यह बात अलग कि कोई आई नहीं रास तुमसे पहले!

यूँ तो माना जिंदगी हो रही थी बसर सालों से बेसबब,
यह बात अलग कि साँस मिली नहीं मुझे तुमसे पहले!

यूँ तो पढ़ रहे थे हर कोई मुझे हर्फ़ दर हर्फ़ मुसलसल,
यह बात अलग थी पढ़ न सकी ख़ामोशी तुमसे पहले!

कुछ कुदरत का तकाज़ा था, कुछ मिलने की उम्मीद,
यह बात अलग कि मैने ढूंढ लिया तुझे तुमसे पहले!

यूँ तो कट रही थी जिंदगी के दिन, दिन गिन गिन के,
यह बात अलग थी बेवजह जी रहा था तुमसे पहले!

अब मिला है ख़्वाबों का मुआवजा तेरे मिलने के बाद, _राज सोनी
यह बात अलग थी "राज" नींद आई नहीं तुमसे पहले!

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7 NOV 2020 AT 9:36

कैसे बतलाऊं तुमको मैं क्या क्या करता हूँ...

तन्हाई में आँखे बंद कर के मैं तुमको गढ़ता रहता हूँ,
खाली आंखों में मेरी तुमको, मैं रोज भरा करता हूँ!
बस इतना समझ लो, की मैं तुम्हारे लिए ही जीता हूँ,
कभी ख़्वाब, कभी फूल, कभी खार में तुमसे मिलता हूँ!
कैसे बतलाऊं तुमको मैं.....
रोज तुम्हारी यादों में, मैं तुम पर ग़ज़ल नई लिखता हूँ,
पहली ग़ज़ल आज भी, तेरी अमानत समझ के रखता हूँ!
तुमको पाने की हसरत में, मैं हर दर मन्नत करता हूँ,
कभी चाँद, कभी आब, कभी रेत पर नाम लिखता हूँ!
कैसे बतलाऊं तुमको मैं...
कैसे करूँगा मैं तुम्हे इजहार, ये रोज कवायद करता हूँ,
महफूज़ है खत इजहार का जो देने की ख्वाहिश रखता हूँ!
तुम हो इश्क़ पहला और तुमसे इश्क आखिरी करता हूँ!
कभी जीस्त, कभी दिल, कभी रूह से मोहब्बत करता हूँ!
कैसे बतलाऊं तुमको मैं.....
कभी पूछता हूँ तितली से, क्भी गुलाब से पूछता हूँ,
कभी तो मिलेगी इस जहाँ में, उम्मीद मैं यह रखता हूँ!
उम्र का तकाजा होने लगा, बालों में सफेदी आने लगी,
कभी बचपन, कभी जवानी, कभी बुढापे से रश्क करता हूँ!
कैसे बतलाऊं तुमको मैं... _राज सोनी

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7 JAN 2019 AT 2:04

मैं कभी नहीं भटकी
सुकून अच्छी नींद लाता है
सुकून का गैर हाज़िर होना
मेरे खयालों की हथेलियों को
स्याही से भर जाता है...
और मैं रात के लिहाफ में
खुद को खोलकर
'तुम' को बुनती हूं
क़ज़ा आने तक.

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19 FEB 2019 AT 13:27

घर कहीं गुम हो गया है उसको खोजता फिर रहा हूँ मैं
बेजुबां इन सब तन्हा इमारतों से पूछता फिर रहा हूँ मैं

कभी कच्चे मकानों में पक्के रिश्तों के साथ रहता था
अब उन सब से अलग कहाँ हूँ, सोचता फिर रहा हूँ मैं

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16 APR 2019 AT 12:38

काली रात के साये ने जब मुझे चारो ओर से घेर लिया था.....
तब तुमने ही उम्मीद की किरण दिखाई...
ज़िन्दगी की हार ने इतना लाचार कर दिया था कि फूलों से भी चुभन महसूस होने लगी ....!!!!
खुद अपनी ही परछाई से मैं डरने लगी थी ....
तुम्हारी दस्तक से ज़िन्दगी ऐसे सवरने लगी जैसे मेरी आज़ादी को तुम्हारी ही तलाश थी......

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8 SEP 2021 AT 14:01

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4 JUL 2020 AT 21:22

इश्क़ की तलाश में
ख़ुद का सफ़र भूल गया..

मंज़िल मिली नहीं मुझको
अपनो का दामन छूट गया..

सोचा था आँख खुलेगी मेरी उनके बाहों में
ख़ुशी के मारे दिल धड़कना भूल गया..

हाथों में हाथ थामकर चलने वाला था उनके साथ
न जाने कब रिश्तों का डोर टूट गया..

प्यार मोहब्बत बांटने वाला इंसान
आज ख़ुद अपनी सांसों से रुठ गया..!

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10 OCT 2020 AT 9:07

Sweetheart कहने वाले तो
बहुत मिले है
पर तलाश उसकी है जिसका
Heart , sweet हो

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