QUOTES ON #घरसेदूर

#घरसेदूर quotes

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4 AUG 2018 AT 12:06

किस तरह घर से दूर बीत रही,हाल-ए-जिंदगी घर नहीं बताता,
हँस देता हूँ फोन पर,अपना दर्द नहीं बताता

सबको बहला देता हूँ मैं बातों से अपनी
फ़क़त एक माँ है जिससे कुछ छुप नही पाता

वक़्त पर नही मिलती थी तो घर सिर पर था उठाता
अब दो वक्त की खाकर,दिन हूँ अपना बिताता

सज़ा खूब दे रहा है वक़्त, वक़्त बर्बाद करने की,
अब तो नींद में भी ख्याब, आवारगी का नही आता

नासमझ "मुनीष" समझदार इतना हो गया
कि, रोता है पर आंसू नहीं बहाता।

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उदासियों से हमनें यूं पीछा छुड़ा लिया,
नाज़ुक था दिल बहुत इसे पत्थर बना लिया!!

जल ही गया जो आशियां तो रोना धोना क्या,
मुठ्ठी में भर के राख़ को ऊपर उड़ा लिया!!

पूछा किसी ने प्यार के बदले में क्या मिला,
ज़ख्मों को हमने दिल के,पदक सा सज़ा लिया!!

जो उलझनें न सुलझने की ज़िद थी कर रहीं,
उन उलझनों को जरूरत का हिस्सा बना लिया!!

तन्हाइयों को अपनी गुज़ारा है इस तरह,
ख़ुद से ही 'नीत' रूठ के खुद को मना लिया!!

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18 AUG 2018 AT 19:01

छप्पनभोग की थाली में भी मानों कमी रह जाती है,
अब घर जाऊँ तो दाल-रोटी भी मुझें बहुत भाती है,

कहने को सब है, फिर भी ये चार दिवार मुझें बड़ा सताती है,
घर से दूर रहकर अब, मुझें बस घर की याद आती है।।

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31 MAR 2018 AT 23:42

घर से दूर..
सब मजबूर..!
हर कोई चाहता है...
हीरे सा नूर..
अपना घर ही असली कोहिनूर..!!

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23 SEP 2019 AT 16:08

Sach to ye h,
Jo khusi apne ghar me hai
Wo,
Duniya ke kisi jgh pr nhi...😍

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27 MAY 2021 AT 17:25

सबके बचपन में सुनहरी यादों का
इक घर था
उस आँगन में हर खुशी का इक
दामन था
दर्द से अनजान वो मासूम सा
चेहरा सब का प्यारा था
एक ही छत के नीचे हजारों दिलों
का मयखाना था
खुशी का माहौल व सब के हँसते
चेहरे पर खुदा का नूर था
नजाने कितने दिलों का मुसाफ़िर
जन्नत जैसा घर था
खो जाने के ख्याल से अपनो के लिए
ये जहांन करीब था
सच कहूँ कितना खूबसूरत ये ख़्याल
अपनों के सँग था
सब का स्नहे इस दिल मे एक तोहफे
से कम न था
इस घर में सब का हक़ व ख़ुशियों का
जमाना था
क़ीमत वस्तुओं की नही इंसान सब के
लिए अनमोल रूप था
Kimi..❤️



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31 MAR 2018 AT 22:41

ये जंग है जिंदगी की लड़ना जरूर
घर हमेशा दिल मे रहे पास रहूँ या दूर

संजय चौधरी

तन्हाइयां पहनकर दर्द से लड़कर खुद को समझाया है
ठोकरो से संवरकर हिम्मत से सँभलकर ये रास्ता पाया है

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13 NOV 2019 AT 20:21

घर से बड़ी दूर कुछ अरमान लेकर आए हैं
ख्वाबों के शहर में कुछ ख्वाब लेकर अाए हैं
हकीकत में बदलने के अंदाज साथ लाए हैं
इस भीड़ में अपना एक नाम बनाने आए हैं

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