Anuup Kamal Agrawal 24 APR 2018 AT 20:04 दफ़्न है सारी इच्छाएँजरूरतों के ताबूत में - Anuup Kamal Agrawal 24 APR 2018 AT 16:25 इच्छाएँ नासमझ होती हैंजरूरत समझदार बना देती है - Anuup Kamal Agrawal 24 APR 2018 AT 20:00 जरूरतों के शोर मेंइच्छाएँ खामोश हैं - Sanjay Chaudhary 25 APR 2018 AT 6:22 इच्छा है और मेरीतेरे माथे की वो बूंद बनूँजो धीरे धीरे माथे से होकरगालो को चूमती हुई तेरे होठो तक आती हैसरगोशी करकर गर्दन से पूरे बदन को सिरहन से भर जाती हैऔर फिर तुझमे सिमट जाती है - Anuup Kamal Agrawal 24 APR 2018 AT 15:58 जरूरतों की भीड़ में गुम हो गयी हैं इच्छाएँ - ANAMIKA GHATAK 24 APR 2018 AT 13:12 कभी मरती नहीँकभी पूरी होती नहीं - Nikunj Mehta 24 APR 2018 AT 18:04 जब कुछ नही होता सोचने को,तब भी जो सोचते हो,वो ख्वाहिश (इच्छा) है।और जब बहुत कुछ सोचते हो,और एक चीज़ जो जाती नहीं ख्यालों से,वो ज़रूरत है। - Tarun Srivastava 10 APR 2020 AT 11:08 इस दिल का,तेरे बिन क्या करूं,मन तो तुम्हीं में बसता है। - Diksha Jha 26 JUL 2019 AT 21:45 मैं तृप्त कहाँ?मैं आरज़ू हूँ!मेरी प्यास उतनी ही बढ़ती है,जितना तुम्हारा जीवन घटता है! - Saanjh 24 APR 2018 AT 15:50 पाने की, उम्मीदों का आसमानबस आस की एक बीघा ज़़मीन -