कुछ अंदर मेरे खाली सा है, जाने क्या मुझपे हावी सा है!! मन थोड़ा मेरा बेकाबू सा है, जाने किस बात का आदी सा है!! कुछ तो है जो अनचाहा सा है, जाने क्या ना मनचाहा सा है!! -Bharti Gupta ✍️
लम्हा एक ठिठक गया सिमट गया छुईमुई सा जैसे धोके से छू गया हो उसे कोई अनचाहा स्पर्श जैसे किसी श्वेत चादर को मलिन कर गया हो... किसी पल, किसी वक़्त को कोई गिरफ़्त में ले सका है क्या?
अनचाहा अनकहा सा किस्सा सा हो गया हूं न जाने किसका कैसे हिस्सा सा हो गया हूं आ आ के तंग करते हैं ख्यालों के वो नज़ारे आधा अधूरा ही सही सपना सा हो गया हूँ मांगी थी तेरे शहर से इक शाम ही तो मैंने तुझको ही नागवार था काफिर सा हो गया हूँ
""अनचाहा सा इश्क़ "" एक ऐसी हालत है जब दिल प्यार करना चाहे पर दिमाग मना करे फिर भी आगे बड़ जाना ही अनचाहा सा इश्क़ है
अनचाहा सा इश्क़ हुए था उनसे गहरी रातो में ना चाहते भी बढ़ता जाता उनकी मीठी बातों में।
मेरी अपनी सोच का पिंजड़ा मुझ पर ही अब भारी है कैद पड़ा हूं भारी मोटी अपनी बनी सलाखों में।
प्यार मुकद्दर बन बैठा था इसलिए खुद को बदला था अब क्यों खुद को बदलना चाहे बनी बनाई बातो में। अनचाहा सा इश्क़ हुए था उनसे गहरी रातो में
जिसकी खातिर खुद को खोकर खुद को ही हम भूल गए ना चाहते हुए सब को छोड़ा खुद की खुशी को भूल गए। ना जाने फिर कितने दर्द उभरे मेरी उन रातो में. अनचाहा सा.......
पार्ट-२ जल्द
-
Fetching #अनचाहा Quotes
Seems there are no posts with this hashtag. Come back a little later and find out.