Keeping too much in the head also means the rise of the worst nightmare. Never be too late to fix the unhealed wounds moaning about "Bare a flesh ready to be gulped!"
कि अब हम उनकी यादों में भी नहीं है, जिनका जिक्र कर हम, आज भी थकते नहीं,, उन्होंने तो भुला दिया है हमें कब का, पर ये नादान, बेवकूफ दिल है कि मानता नहीं,,....
एक मुक्तक """""""""" शताधिक चन्द्रमाओं को करे लज्जित कलाओं से तुम्हारे केश ये काले घने........ काली घटाओं-से तुम्हारे सिक्त अधरों पर हृदय-सम तीव्र कम्पन है मनोहर है लटों का यूँ...... झगड़ना भी हवाओं से