मैं इंसान हूँ
मुझे प्यार नोटों से नहीं,
भाव में बहता हूँ।
मैं ठहरा हुआ पानी नहीं,
बहता हुआ झरना हूँ।
कोई आए जाए फ़र्क़ नहीं पड़ता
अक्सर यह कहता हूँ।
उनके आने पर झूम उठता,
दूर जाने पर अंधेरे में रोता हूँ।
कोई आता है पास, तो डर है लगता
प्यार की दो बातें करले तो उसे दिल में बसाता हूँ।
-