तन्हा लम्हो में, तू आया मेरे करीब,
और गर्म साँसों से तेरी,मैं पिघल गई।
शराब सी जो घुली है तेरी आँखों मे,
सिर्फ तेरे देखने से ही,मैं बहक गई।
तूने कानो में चुपके से किया इज़हार,
और करके महसूस तुझे,मैं निखर गई।
लगाया जो तूने मुझे सीने से अपने,
सुन करके तेरी धड़कने,मैं सिहर गई।
करा करती थी मैं इश्क़ से बगावत,
लेकिन पाकर के तुझे, मैं बदल गई।
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