QUOTES ON #WAFADARI

#wafadari quotes

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25 FEB 2021 AT 13:13

Wafadari Ki Bat Ho To Aaina ko Tazkira Krna 'Nazia'
Wrna Logon ko Aksar aanshu dekh KR haste dekha hai !!!

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25 JUN 2020 AT 11:03

बिन पेंदी के लोटे न घर के न घाट के
सिखाने चले हमें,किस्से वफ़ादारी के।।

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10 SEP 2020 AT 17:23

जो रिश्तों के पत्ते खेलें क्या वो गद्दार नहीं होते
खुदगर्ज होते है अहम वाले मक्कार नहीं होते

थोड़ी शिकायतें बनी रहें रिश्तों में तो बेहतर है
बहुत चाशनी में डूबे रिश्ते वफ़ादार नहीं होते

जो रोकने के बाबजूद भी ना रुके उसे जाने दो
ऐसी गलतीयों के हम खुद जिम्मेदार नहीं होते

किसी को आज रोका तो वो कल चला जायेगा
हम हर शख्स की चाहत के हकदार नहीं होते

बहुत गहरे रिश्तों में आकर जो जो बाजी खेलें
यक़ीनन ऐसे लोग घर से इज्जतदार नहीं होते

"कपिल" दिल की गलियों से यूँ ना जाया करो
दिल" के घर में रहने वाले किराएदार नहीं होते

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17 NOV 2020 AT 14:59

विश्वास नहीं कुछ दिन ठहर सारी फितरत समझ आएगी
अरे !! इंसान हैं प्याज की तरह रोज परत खुलती जाएगी

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11 MAY 2020 AT 18:41

Dogs🐕

"Dekhna kabhi fursat se inki ankhon me wafadari kya hoti hai ...ye sikhayenge",

Prakruti ki nadan si kalakari hai yeh, inka pyaar aab insaan taul ke batalayenge,

Bezubaan sa janwar hai, dard se gumnaam hai, na maro isee iss mein bhi jeev ka vaas hai,

Kabhi dekho inki aankho mein, pyaar ka nivas hai, kabhi jio unke liye bhi wafadari bemisaal hai...

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10 AUG 2020 AT 10:48

मत पूछिए की
मेरा कारोबार क्या है,

वफ़ादारी की छोटी सी
दुकान है धोके के बाजार में....

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31 JUL 2020 AT 8:32

जो लगा रहे हैं इल्जाम,
मुझपर गद्दारी का।।
वो रख लें ढूँढकर,
सुबूत अपनी वफादारी का।।

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12 AUG 2020 AT 7:28

मुझे बेवफा कहा तूने
चल कोई बात नहीं!
पर वफादार तो तू भी नहीं है।

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30 JUL 2020 AT 20:25

जिनकी बेवफाई को आँखों से देखकर भी नजरअंदाज कर दिया था हमने,
आज वो हमारी वफादारी का सुबूत माँगते हैं!!

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19 MAR 2023 AT 18:01

मोहब्बत की महफिलों में इसलिए बारी नहीं आती
अदब तो ख़ूब आता है पर अदाकारी नहीं आती
जिसे देखो वही बस ऐन शीन क़ाफ में उलझा है
मोहब्बत के मारों को फ़िर क्यों वफादारी नहीं आती
झूट बोलकर किसी का दिल जीतना बहुत आसान है प्यारे
पर इश्क़ की राह में मुझसे ये ---- होशियारी नहीं आती।
कोई जब दिल दुखाता है तो अश्कों को ज़ब्त करता हूं
पलट कर मैं भी वैसा करूं ये दिल आज़ारी नहीं आती
गुनाह करते हुए निडर हो जाना की बख्शिश हो ही जायेगी
यहां नेकी करते हुए डर लगता है पर बेज़ारी नहीं आती।
गिनेगा कौन सजदों को वज़ू पर कौन जायेगा
इबादत हम भी करते हैं पर रियाकारी नहीं आती
तुम्हारी बद्दुआएं ------- मेरा क्या ख़ाक बिगाड़ेंगी
अभी माँ मेरी हयात है इसलिए बीमारी नहीं आती।

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