"शब्दों की घाटी"
शब्दों की घाटी में शब्द एक सुंदर फूल हैं,
चुन लो वक़्त पे इन्हे नहीं लग जाती इनमे धूल हैं...!!
सही भाषा में इनको पिरोने के लिए इनसे खेलना पड़ता है,
खूबसूरत बनाने का काम इनको अलंकार करता है...!!
अपनी हर बात को ले सहारा हर्फ़ का हम कह देते हैं,
ये शब्द कभी सांत्वना तो कभी गलती को सह देते हैं...!!
एक सुखनवर के लिए ये वर्णमाला एक माया है,
कही कोई पिरो इन शब्दों से बदल देता देश की काया है...!!
इनको बोलने का अंदाज भी फिदरत इंसान की बयां करता है,
कही ये होते तल्ख़ तो कहीं कोमलता से शब्द के प्यार पलता है...!!
शब्दों की इस घाटी में हर तरह के हर्फ़ बिका करते हैं,
कहीं मजबूत होते रिश्ते तो कही इन शब्द से रिश्ते जलते हैं...!!
ये घाटी है शब्द मात्रा और अलंकार की,
अनगिनत अतिशयोक्ति और मुहावरों के जाल की...!!
अनगिनत वर्णो के फूल और कांटो के हाल की,
ये शब्दों की घाटी है कमाल की...!!
-©Saurabh Yadav...✍️
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