सफर लम्बा चले,
बस, वक्त थोड़ा ठहर जाये..
जब वो मेरे साथ आये।।
साथ चलाना है मुझे,
उसका हाथ नहीं..
उंगली पकडक़र
उस पल वक्त थोड़ा ठहर जाये।।
बातें हो ना हो हमारे बीच,
लेकिन...
चेहरे पर मुस्कान की कोई सीमा ना हो
जिसे हम वायां न कर पाये।।
मेरी नादानियों पर डांटके परवाह करे,
फिर भी पूरे सफर में..
छोटी से छोटी खुवाईश पूरी करता जाये।।
कभी मैं उसे तो वो मुझे परेशान करे,
फिर भी हर मोड़ पर साथ चले..
उस पल वक्त थोड़ा ठहर जाये।।
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