हुआ था कुछ नादान दिल के साथ उस दिन,
हंसते मुस्कुराते चेहरे को उदास देखा था
खुद ही खुद की उधेड़बुन में लगा था वो
आँखों में उसकी मैनें आँसुओं का सैलाब देखा था
न जाने कितने सवाल थे ज़हन में उसके
हमदर्दी को उसकी होते तार-तार देखा था
अपनों ने उसकी औक़ात पर सवाल उठाये थे
' रूचि' उसने पीठ पर अपनी खंज़र का वार झेला था।।
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