QUOTES ON #ULJHANO_KA_HAL

#uljhano_ka_hal quotes

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उलझन में ही तो अपनों बेगानों का पता चलता हैं,
ख़ैर सुलझन में तो हर कोई अपने में मस्त रहता हैं...
♥️🖤♥️

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4 AUG 2020 AT 18:44

उलझन कैसी, हाल बता रहा है बालो का,
और मुस्कान ऐसी,के 'हाँ ' है जवाब सवालों का.

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27 JAN 2019 AT 0:32

एक अजीब सी उलझन मे हूँ,
तुम सुलझा दो ना,
या तो मेरे हो जाओ या,
खुद को मेरे दिल से निकाल दो ना ll

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12 MAY 2019 AT 22:49

Uljhan me fase huye hai ye jajbaat
Bas ye lamha gujar jane do.....

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23 MAR 2020 AT 20:25

क्या,कब, कहां, कैसे, कहूं तुमसें
इस छोटे से दिल में बातें बहुत हैं...

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5 APR 2020 AT 14:14

Dekh raho me mujhe uski najare katrati he
Baat na karne ka bas wo bahane banati he
Apane dil ka haal bhi kaha hamse jatati he
Apani isi adda se mujhe wo har bar satati he

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4 JUN 2019 AT 19:43

मैं ख़ामोशी तेरे मन की , तू अनकहा अल्फ़ाज़ मेरा .....

मैं एक उलझा लम्हा , तू रूठा हुआ हालत मेरा ..!!

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21 APR 2019 AT 16:56

माना के ऐसा कुछ भी नहीं जो तुम नहीं जानते,
मेरे हर एहसास को मुझसे ज्यादा तुम हो पहचानते,
फिर भी एक राज़ है जिस से आज पर्दा उठाते हैं,
जो है लड़ने की वजह,वो गलतफहमी मिटाते हैं,
जो बातें लगती हैं तुम्हें ताने और एहसान मेरी,
वो होती है एक कोशिश खामोशी तोड़ने की तेरी,
ना मुझे चुभती हैं कड़वी बातें तेरी,
ना बुरा लगता है लड़ने से तेरे,
तुम रहते हो खामोश तब बहते हैं आंसू मेरे,
तुम्हारी वो खामोशी वो घुटन मैं पहचानती हूँ,
कहोगें नहीं किसी और से कुछ भी तुम,ये मैं जानती हूँ,
इसलिए ही मार मार के ताने तुम्हें उकसाती हूँ,
तेरी उदासियों से दिल मेरा उदास होता है,
याद कर के तुझे जा़र जा़र रोता है,
तुम दे दो चाहे मुझे इल्ज़ाम हज़ार,
मैं तो हँस के सह लेती हूँ सब नखरे तेरे,
खुद ही कहते हो कि"आप समझती नहीं,करता हूँ इमोशनल ब्लैकमेल चुप करने को तुम्हें"
पर इतनी सी बात समझे कभी तुम भी नहीं,
कहते हो उल्टा सीधा खुद को,तो गुस्सा आता है मुझे,
इस बात से ही लड़ाई बढ़ती जाती है,
फिर तेरे तानो की बौछार शुरू हो जाती है,
मैं तो देख के युद्ध शैली तेरी,रख देती हूँ सब अस्त्र शस्त्र मेरे,
लड़ने के बाद एक दूजे की याद इतना तड़पाती है,
घंटों की लड़ाई सब धरी रह जाती है,
यही लड़ाई हमें एक दूजे की अहमियत का एहसास कराती है,
वही गुस्से का अंत और प्यार की शुरुवात कराती है,
यही तुम्हारी भी समझ का फेर है जो तुम कहते हो मुझे..


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4 APR 2019 AT 21:45

कभी कभी कुछ उलझने उल्झी हुई ही अच्छी है
कहि उन्हें सुलझाते हुए हम ईतना ना उलझ जाए
कि उस उलझन से बाहर ही ना निकल पाए

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5 APR 2018 AT 23:53

Jindagi chal Rahi kiuki khowaisho ka Daur Abhi khatm nhi hua hai

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