रोक दो मुझको जितना, लेकिन बवाल जरूर आयेगा,
मौन चाहे सारा जमाना, मेरा सवाल जरूर आयेगा।
वक्त मांगता वक्त है, और वक्त पर मुझको धैर्य है।
ढीठ मै खड़ा रहूंगा, चाहे जितना तुझको बैर है।
आंच को कम कर दो जितना, एक बार उबाल जरूर आयेगा,
ऐ डगमगागते मेरे मुकद्दर! एक रोज इंकलाब जरूर आयेगा।
अभिनय करती जिंदगी, मै अदना किरदार हूं,
वक्त कहता धैर्य तो रख! मै करता चमत्कार हूं।
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