तेरे प्यार का मुझ पर हक हैं
तेरी नाराज़गी की हुकूमत भी,
अब तू मेरे हिस्से की ख़ुशी
और मेरे मुस्कान की वजह भी
सितारों से भरी है दुनिया मेरी
हर रात अब जगमगाता हैं
कर ना इन्हें दूर मुझसे
यह टूट कर बिखर जाता हैं
तेरी मुस्कान,
मुझमे ख़ुशी भरती हैं,
कभी अधुरा सा था मैं
देख आज वह मुझे पूरा भी करती हैं
चकोर की बद्नसीबी ना ले
चाँद, तेरा हु मैं
इतना ना परख मुझे
चाँद की चाँदिनी के बगैर अधुरा हु मैं
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