सुकून पाने की चाहत में कोई, ताउम्र दर्द में रोता है, सबसे महंगा सौदा कायनात में, जज़्बात का होता है; झूठ बोलते हैं, खुद को बेहद खुशनसीब बताने वाले, कुछ रिश्ते बचाने सौदागर भी, सारी खुशियां खोता है।
तन्हा ही रहना यार मेरे साथ रहने वाला हर कोई हमसफ़र नहीं होता अकेले में जो खुशी है,वो कहाँ इस झूठी कसमों में है खुद को शरीफ बताता हर शख्स है असल में कौन यहाँ सच्चा है दिल से खेलने लगे जो लोग वो कहाँ अच्छे है तन्हा ही रहना यार मेरे