इस सर्द रात में चाय के साथ कुछ यादें सेंक लूँ निकल आओ तस्वीरों से कि इक नजर देख लूँ पास बैठ कर जो पूछ लो तुम हाल-ए-दिल मेरा कसम से घर में रखी हर मर्ज की दवा फेंक दूँ @Being_the_abhay
जनवरी की ये सर्द रात, फिर घेरा है तेरी यादों ने आज... कुछ बेक़ाबू से हालात, कुछ अनकहे से जज़्बात... और उन्हें शब्दों में पिरोने बैठी मैं, कागज़-कलम ले हाथ।
यु तो कहने को बस सर्द रात है मेरे लिए सारी रात उनकी यादों में बाहर गुजारे है क्या कहूँ उनसे ये जो पानी बरस रहा है वो बारिश नही मेरे आंखों से हो रही बरसात है कभी सोचता हूँ ठहर जाए उनकी गली में मगर ये वो गली है जहाँ जालिमो का निबास है